हो….
खिलौना, जानकार तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो।
मुझे इस हल में किसके सहारे, छोड़ जाते हो।।
हो….
खिलौना, जानकार तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो।
मुझे इस हल में किसके सहारे, छोड़ जाते हो।।
मेरे दिल से न लो बदल ज़माने भर की बातो का।
ठहर जाओ मेहमान हु मई चाँद रातो का।।
चले जाना अभी से किस लिए मुह मोड़ जाते हो,
हो….
खिलौना, जानकार तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो।
मुझे इस हल में किसके सहारे, छोड़ जाते हो।।
गिला तुमसे नहीं कोई मगर अफ़सोस थोडा है।
की जिस गम ने मेरा दामन बड़ी मुस्किल से छोड़ा है।।
उसी गम से मेरा फिर आज रिश्ता जोड़ जाते हो…
हो….
खिलौना, जानकार तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो।
मुझे इस हल में किसके सहारे, छोड़ जाते हो।।
खुद का वास्ता देकर मनालू दूर हु लेकिन।
तुम्हारा रास्ता मै रोक लू मजबूर हूँ लेकिन।।
की मै चल भी नहीं सकता और तुम दौड़ जाते हो
हो….
खिलौना, जानकार तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो।
मुझे इस हल में किसके सहारे, छोड़ जाते हो।।
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